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तब मन ने यूं सोचा था ...
Friday, September 17, 2010
मौत भी कुबूल है, हमें तुम्हारे साथ
यह कैसी बदकिस्मती,
कि ज़िन्दगी भी गवारा नहीं तुम्हे हमारे साथ?
2 comments:
Patali-The-Village
September 18, 2010 at 5:55 AM
आप के ब्लॉग में आकर अच्छा लगा धन्यवाद|
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Padmaja Shastri
September 18, 2010 at 8:26 AM
शुक्रिया, Patali-The-Village!
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आप के ब्लॉग में आकर अच्छा लगा धन्यवाद|
ReplyDeleteशुक्रिया, Patali-The-Village!
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